Leo (सिंह)
राशि अक्षर – मा, मी, मू, मे,मो,टा,टी, टू, टे
राशि स्वरूप – शेर जैसा
राशि स्वामी – सूर्य
राशि जाति – क्षत्रिय
राशि दिशा – पूर्वदिशा
राशि तत्व – अग्नितत्व
राशि गुण स्वरुप – स्थिर
राशि परिचय
सिंह राशि पूर्व दिशा की प्रतीक है। इसका चिह्न शेर है। राशि का स्वामी सूर्य है और इस राशि का तत्व अग्नि है। इसके अन्तर्गत मघा नक्षत्र के चारों चरण, पूर्वा फाल्गुनी के चारों चरण और उत्तराफाल्गुनी का पहला चरण आता है। केतु-मंगल की युति कुंडली में हो तो व्यक्ति दिमागी रूप से तेज होता है। केतु-शुक्र की युति कुंडली में हो तो व्यक्ति सजावट और सुन्दरता के प्रति आकर्षण को बढ़ाता है। केतु-बुध के प्रभाव से कल्पना करने और हवाई किले बनाने की इनकी सोच होती है। चंद्र-केतु की युति कुंडली में हो तो व्यक्ति की कल्पना शक्ति का विकास होता है। व्यक्ति का सुन्दरता के प्रति मोह होता है। व्यक्ति में अपने प्रति स्वतंत्रता की भावना रहती है और किसी की बात नहीं मानता। ये लोग पित्त और वायु विकार से परेशान रहने वाले, रसीली वस्तुओं को पसंद करने वाले होते हैं। कम भोजन करना और खूब घूमना, इनकी आदत होती है। इनमें हिम्मत बहुत अधिक होती है और मौका आने पर जोखिमभरे काम करने से भी नहीं चूकते। व्यक्ति जीवन के पहले दौर में सुखी, दूसरे दौर में दुखी और अंतिम अवस्था में पूर्ण सुखी होता है। सिंह राशि वाले लोग हर काम शाही ढंग से करते हैं, जैसे सोचना शाही, करना शाही, खाना शाही और रहना शाही। इस राशि वाले लोग जुबान के पक्के होते हैं। ये लोग जो खाते हैं वही खाएंगे, अन्यथा भूखा रहना पसंद करेंगे। व्यक्ति कठोर मेहनत करने वाले, धन के मामलों में बहुत ही भाग्यशाली होते हैं। सोना, पीतल और हीरे-जवाहरात का व्यवसाय इन्हें बहुत फायदा देने वाले होते हैं। यदि ये लोग सरकार और नगर पालिका में कार्यरत हैं तो इन्हें लाभ अधिक मिलता है। व्यक्ति की वाणी और चाल में शालीनता पाई जाती है। इस राशि वाले लोग सुगठित शरीर के मालिक होते हैं। नाचना भी इनकी एक विशेषता होती है। इस राशि वाले या तो बिल्कुल स्वस्थ रहते हैं या फिर अधिकतर बीमार रहते हैं। जिस वातावरण में इनको रहना चाहिए, अगर वह न मिले तो दुखी रहने लगते हैं। रीढ़ की हड्डी की बीमारी या चोटों से परेशानियां हो सकती हैं। इस राशि के लोगों को हृदय रोग, धड़कन का तेज होना, लू लगना और आदि बीमारी होने की संभावनाएं होती हैं।